Covid variant EG.5.1: वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर से फैलने लगा है। भले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को हेल्थ इमरजेंसी की लिस्ट से बाहर कर दिया है, लेकिन इसका खतरा खत्म नहीं हुआ है। हाल के दिनों में यूके, अमेरिका और भारत समेत कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट EG.5.1 की पुष्टि हुई है। इस वैरिएंट को वैज्ञानिकों "एरिस (Eris Variant)" नाम दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के इस नए वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट' की केटेगरी में डाला है। दरअसल, किसी भी वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट तभी कहता है, जब उस वायरस में जेनेटिक बदलाव या म्यूटेशन होता है। एरिस वैरिएंट में लगातार जेनेटिक चेंज हो रहा था, इसके अध्ययन के बाद डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट कहा है। भारत में भी इस वैरिएंट के मामले मिल चुके हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं कोरोना का नया एरिस वैरिएंट ओमिक्रोन के दूसरे वैरिएंट से कैसे अलग है और इसके लक्षण क्या हैं?
क्या है कोरोना का नया एरिस वैरिएंट?- What is Eris Variant in Hindi
हाल ही में वैज्ञानिकों को कोरोना के एक नए वैरिएंट EG.5.1 के बारे में पता चला है। इसे एरिस वैरिएंट भी कहा गया है। दुनिया के कई देशों में इस नए वैरिएंट से संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस के अब तक सामने आये सभी वैरिएंट में एरिस को सबसे ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। यह वैरिएंट तेजी से म्यूटेट हो रहा है और इसमें जेनेटिक बदलाव भी हो रहे हैं। एरिस वैरिएंट या ईजी.5.1, ओमिक्रोन के XBB वैरिएंट का ही एक सब टाइप है। इस वैरिएंट से संक्रमित होने पर दिखने वाले लक्षण भी ओमिक्रोन जैसे ही हैं। हालांकि, ओमिक्रोन के एक्सबीबी वैरिएंट की तुलना में यह 45 गुना ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है।
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ओमिक्रोन के दूसरे वैरिएंट से कितना अलग है एरिस?- How is Eris Different From Other Omicron Variants?
EG.5.1 या एरिस वैरिएंट, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विशेष रूप से एशिया और अमेरिका में ज्यादा फैला है। यह वैरिएंट कोरोना वायरस के ओमिक्रोन के एक्सबीबी का ही सब टाइप है। एक्सबीबी वैरिएंट में म्यूटेशन से ही ईजी.5.1 वैरिएंट बना है। हालांकि अभी तक सामने आई रिपोर्ट्स में ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं मिला है कि यह वैरिएंट बहुत ज्यादा खतरनाक है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस वैरिएंट का संक्रमण दूसरे वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैल सकता है और वैक्सीन का भी असर कम हो रहा है।
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EG.5.1 या एरिस वैरिएंट के लक्षण- Covid Eris Variant Symptoms in Hindi
कोरोना के नया एरिस वैरिएंट से संक्रमित होने पर मरीजों को कोई विशेष लक्षण नहीं दिखते हैं। इस वैरिएंट से संक्रमित होने पर कोरोना के आम लक्षण दिखाई देते हैं। ज्यादातर मरीजों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, शरीर में थकान और कमजोरी जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। गंभीर रूप से संक्रमित होने वाले मरीजों में नाक बहना, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
भारत के लिए कितना खतरा?
एरिस वैरिएंट के कुछ मामले भारत में भी आए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मई में ही एरिस का पहला मामला महाराष्ट्र में मिला था। 6 अगस्त तक भारत में एरिस के 116 मामले सामने आए हैं। लेकिन एरिस से संक्रमित होने के बाद मरीजों को कोई ख़ास परेशानी नहीं हो रही है और अन्य वैरिएंट की तरह इससे संक्रमित होने के बाद भी मरीज जल्दी ठीक हो जा रहे हैं।
नोट: यह लेख विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर मौजूद जानकारियों और बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर के इनपुट्स पर आधारित है।
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