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Bhramari Pranayama: तनाव दूर करने में मददगार है भ्रामरी प्राणायाम, जानें इसे करने का तरीका

तनाव और चिंता एक आम समस्या बनती जा रही है। इसे दूर करने के लिए आप रोजाना भ्रामरी प्राणायाम कर सकते हैं। 

 

Vikas Arya
Written by: Vikas AryaUpdated at: Nov 29, 2023 16:55 IST
Bhramari Pranayama: तनाव दूर करने में मददगार है भ्रामरी प्राणायाम, जानें इसे करने का तरीका

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आज के समय में काम की टेंशन की वजह से लोगों को खुद के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। वहीं, कुछ लोग देर रात तक काम करते हैं। ऐसे में उनको चिंता और तनाव अधिक होने लगता है। यह आपकी कार्य क्षमता को प्रभावित करता है और आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। इससे बचने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। प्राणायाम मेंटल हेल्थ को बेहतर करने में सहायक होता है। इसे लाइफस्टाइल में शामिल कर आप तनाव और चिंता के स्तर को कम कर सकते हैं। साथ ही, दिमाग की नसों पर पड़ने वाले दबाव को भी काफी हद तक दूर कर सकते हैं। योगा एकसपर्ट ऋपसी अरोड़ा से जानते हैं कि भ्रामरी प्राणायाम तनाव और चिंता को दूर करने में कैसे फायदेमंद (Bhramari Pranayama For Stress) होता है। साथ ही, भ्रामरी प्राणायाम करने का तरीका भी जानेंगे। 

तनाव को दूर करने के लिए भ्रामरी प्राणायाम के फायदे - Benefits of Bhramari Pranayama For Anxiety In Hindi 

भ्रामरी प्राणायाम, जिसे "मधुमक्खी श्वास" के रूप में भी जाना जाता है। इसका नाम संस्कृत शब्द "भ्रमर" से लिया गया है, जिसका अर्थ है मधुमक्खी। इसके अभ्यास में मधुमक्खी की हल्की गुनगुनाहट के समान ध्वनि उत्पन्न करना शामिल है, जो शरीर में एक सुखद कंपन पैदा करती है। इससे नर्वस सिस्टम को आराम मिलता है।

नसों को आराम पहुंचाना 

भ्रामरी प्राणायाम दिमाग की नसों को आराम पहुंचाता है। इस क्रिया में सांसों के द्वारा नर्वस सिस्टम को सक्रिय करने में मदद मिलती है और तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। 

एकाग्रता में बढ़ोतरी 

तनाव होने पर व्यक्ति किसी भी काम में फोकस नहीं कर पाता है। काम में फोकस न कर पाने के कारण वह किसी भी काम को सही तरह से नहीं कर पाता है। भ्रामरी प्राणायाम में जब आप एक लय में गुंजन करते हैं तो आप वर्तमान समय में अपना ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। जिससे एवेयरनेस बढ़ती है और एकाग्रता भी बढ़ने लगती है।

bhramari pranayama for stress

भावनात्मक रूप से मजबूत करें 

तनाव होने पर व्यक्ति के भावनात्मक स्तर पर भी प्रभाव पड़ता है। तनाव की वजह से व्यक्ति खुद को इमोशनली वीक महसूस करने लगता है। ऐसे में जब आप भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करते हैं तो इससे आपकी नसों को आराम मिलने से आपके भावनात्मक उतार-चढ़ाव में भी कमी आती है। इसके नियमित अभ्यास से आप चीजों को सही तरह से समझकर निर्णय ले पाते हैं। 

बेहतर नींद आना 

भ्रामरी प्राणायाम के कुछ दिनों के अभ्यास के बाद आपको नींद न आने की समस्या में आराम आने लगता है। नर्वस सिस्टम का दबाव दूर होने के बाद नींद की क्वालिटी बेहतर होती है। जिससे आपका मन शांत होता है और गहरी नींद ले पाते हैं। गहरी नींद लेने से भी आपका तनाव तेजी से कम होने लगता है। 

भ्रामरी प्राणायाम करने का तरीका - How To Do Bhramari Pranayama In Hindi 

  • इस आसन को करने के लिए आप सुख आसन में बैठें। 
  • इसके बाद आप तर्जनी उंगली को भौंह के ऊपर, बाकि की तीन उंगलियों से आंखों को बंद करें। 
  • वहीं अंगूठे से कान को बंद करें। 
  • इसके बाद मुंह को बंद रखते हुए गहरी सांस अंदर लें। 
  • सांस को बाहर निकालते हुए गुंजन स्वनि निकालें। 
  • इस अभ्यास को शुरू में 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। 
  • कुछ ही दिनों में आपको आराम दिखने को मिलेगा। 

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भ्रामरी प्राणयाम को आप सुबह के समय कर सकते हैं। बच्चे, बूढ़ें, पुरुष और महिलाएं कोई भी व्यक्ति इस प्राणायाम को कर सकते हैं। इसे दिमाग से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है। फिलहाल, इस क्रिया का लाभ लेने के लिए आप योगा एक्सपर्ट की देखरेख में प्राणायाम करें। 

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